बुधवार 23 अप्रैल 2025 - 10:30
शरई अहकाम | रुकू की हालत में इमाम की इक़तेदा  करने का हुक्म

हौज़ा / इस्लामी क्रांति के नेता ने "रुकूअ की स्थिति में इमाम की इक़्तेदा करने के हुक्म" के संबंध में जनमत संग्रह पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामी क्रांति के नेता अयातुल्ला खामेनेई ने "रुकूअ की स्थिति में इमाम की इक़्तेदा करने के हुक्म" के संबंध में जनमत संग्रह पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। जिसका उल्लेख हम यहां शरई मसाइल में रुचि रखने वालों के लिए कर रहे हैं।

प्रश्न: क्या कोई व्यक्ति इमाम जमात (जो रुकू के लिए झुक चुका है लेकिन अभी तक रुकू तक नहीं पहुंचा है) की इक्तेदा कर सकता है?

जवाब: पहली और दूसरी रकातों में कोई हर्ज नहीं है, लेकिन तीसरी और चौथी रकतों में अगर मुक़्तदी को मालूम हो कि अगर उसने सूरह हम्द पढ़ा तो वह इमाम के साथ जमाअत के रुकू में शामिल नहीं हो सकेगा, तो उसे चाहिए कि एहतियात के तौर पर इक़्तेदा करने में सब्र करे और जमाअत के साथ शामिल हो जाए, ताकि जब इमाम पूरी तरह से रुकू में चला जाए तो वह उसकी इक़्तेदा कर सके।

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